A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
Blog Article
I'm routinely updating this publish with extra new and pertinent information so remember to maintain visiting it on a regular basis. Thanks!
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
US president Barack Obama experienced a behavior of carrying with him some little goods provided to him by people he had achieved. The items involved a small figurine of Hanuman.[151][152]
The material, together with videos and pictures used on This page are copyright guarded and copyrights are owned by their respective homeowners. I make every hard work to link back to first content Any time feasible. When you personal the rights to any of the pictures and videos, and do not would like for them to appear on This website, you should Make contact with me and they're going to be immediately eliminated.
भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज राम के दुलारे हैं। तात्पर्य यह है कि कोई बात प्रभु से मनवानी हो तो श्री हनुमान जी की आराधना करें।
भावार्थ – हे महावीर! आप वज्र के समान अंगवाले और अनन्त पराक्रमी हैं। आप कुमति (दुर्बुद्धि) का निवारण करने वाले हैं तथा सद्बुद्धि धारण करने वालों के संगी (साथी, सहायक) हैं।
You flew towards the sun who's 1000s of decades of Yojanas absent, thinking about him being a sweet fruit
“He whoever reads these verses on Hanuman, he can get spiritual attainments, Lord Shiva may be the witness to this statement.”
व्याख्या— रुद्रावतार होने के कारण समस्त प्रकार की सिद्धियाँ एवं निधियाँ श्री हनुमान जी को जन्म से ही प्राप्त थीं। उन सिद्धियों एवं निधियों को दूसरों click here को प्रदान करने की शक्ति माँ जानकी के आशीर्वाद से प्राप्त हुई।
व्याख्या – भक्त के हृदय में भगवान् रहते ही हैं। इसलिये भक्त को हृदय में विराजमान करने पर प्रभु स्वतः विराजमान हो जाते हैं। श्री हनुमान जी भगवान् राम के परम भक्त हैं। उनसे अन्त में यह प्रार्थना की गयी है कि प्रभु के साथ मेरे हृदय में आप विराजमान हों।
styling and its that means coupled with related pics pertaining to the verse. Find the downloadable PDFs of lyrics in a variety of languages below.
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ ॥दोहा॥ पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।